व्यंग्य तब क्यों नहीं ,(व्यंग्य) August 19, 2019 / August 19, 2019 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment “ये जमीं तब भी निगल लेने को आमादा थीपाँव जब जलती हुई शाखों से उतारे हमने इन मकानों को खबर है ना मकीनों को खबर उन दिनों की जो गुफाओं में गुजारे हमने “ये सुनाते हुए उस कश्मीरी विस्थापित के आँसूं निकल पड़े जो अपने घर वापसी के लिये दिल्ली से जम्मू की ट्रेन में बैठ रहा […] Read more » Satire why not then