व्यंग्य क्या गोबर दोबारा मानव जाति का अन्न और प्राणदाता बन सकेगा ? March 11, 2024 / March 11, 2024 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव मैं गोबर हॅू, आज अपनी आत्मकथा सुनाना चाहता हॅॅू। मुझ गोबर के पिता का नाम जठरानलानन्द है और श्रीमती सुरभी अर्थात गाय मेरी माता हैं। मेरे जन्मस्थान का नाम लेने से दिन-भर अन्न-जल के दर्शन न होंगे, इसलिए नहीं बताऊँगा। हाँ, मैं इस बात से पूर्णतः आश्वस्त हॅू कि मेरे जन्म स्थान […] Read more » Will cow dung be able to become the food and life giver of mankind again?