गजल हिंदी गजल July 30, 2019 / July 30, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हवा बहुत बदगोई है। रात कलप कर रोई है।। उनने अपने जीवन में, केवल कटुता बोई है। गर तुम हो जर्किन पहने, वह भी ओढ़े लोई है। साला हूं मै भी गर तो, वह मेरा बहनोई है। जब जब आड़ा वक्त पड़ा, यहाँ न मिलता कोई है। हमनें बस उम्मीदें की, उसने इज्जत धोई है। […] Read more » hindi gazal hindi literature wind