स्वास्थ्य-योग आत्मीयता की अनुभूति है योग June 18, 2020 / June 18, 2020 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment योग एक आध्यात्मिक प्रकिया हैं |योग शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में बांधती है।योग जीवन जीने की कला है|योग दर्शन है|योग स्व के साथ अनुभूति है|योग से स्वाभिमान और स्वतंत्रता का बोध होता है |योग मनुष्य व प्रकृति के बीच सेतु का कार्य करती है|योग मानव जीवन में परिपूर्ण सामंजस्य का द्योतक है|योग […] Read more » Yog Yoga is the feeling of intimacy आत्मीयता की अनुभूति आत्मीयता की अनुभूति है योग
स्वास्थ्य-योग रामबाण नहीं है योग January 4, 2011 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on रामबाण नहीं है योग चांदनी योग में ज्यादातर बीमारियों के इलाज की बजाय] बचाव की क्षमता ज्यादा है। यह कहना है हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अधयक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल का। क्लीनिकल ट्रायल वाले कई अधययनों से यह स्पष्ट हो गया है कि जिन मामलों में दवाओं और दवाएं अथवा सर्जिकल प्रक्रिया जरूरी है उनमें सिर्फ योगिक […] Read more » Yog योग
स्वास्थ्य-योग चित्तवृत्ति और योग December 18, 2010 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हृदयनारायण दीक्षित ज्ञान की प्यास परम सौभाग्यवती है। यह कभी तृप्त नहीं होती। जानकारियों के क्षेत्र अनंत है, ज्ञान की प्यास भी अनंत। प्रत्येक नई जानकारी प्यासे की हलक में पड़ने वाली कुछ जल बूंदे जैसी होती हैं। इससे प्यास नहीं बुझती। ज्ञान की प्यास और भी बढ़ती है। जैसे अषाढ़ की थोड़ी सी बूंदा-बांदी […] Read more » Yog योग
धर्म-अध्यात्म भारत का योग दर्शन October 15, 2010 / December 21, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment – बजरंगलाल अत्रि दर्शनशास्त्र में योगदर्शन का विशेष महत्व है। इसीलिए भारतीय या वैदेशिक अथवा आस्तिक या नास्तिक समस्त दार्शनिक संप्रदाय किसी न किसी रूप में योग साधना करते हैं। इसका कारण है कि योगसाधना समस्त दर्शनों और विशेषकर सांख्यदर्शन का व्यवहारिक पक्ष है। योग दर्शन और साधना उतनी ही पुरानी है जितनी पुरानी मानव […] Read more » Yog योग