धर्म-अध्यात्म अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाय October 21, 2014 by प्रणय विक्रम सिंह | Leave a Comment प्रणय विक्रम सिंह दीपावली अर्थात आलोक का विस्तार। पराजित अमावस्या का उच्छवास, घोर अंधकार का पलायन, आलोक सुरसरि का धरती पर अवतरण है दीपावली। आकाश के अनंत नक्षत्र मंडल से धरा की मूर्तिमान स्पर्धा है दीपावली। मनुष्य की चिर आलोक पिपासा के लिए चहुं दिसि आलोक वर्षा है दीपोत्सव का पर्व। अंधकार पर प्रकाश की […] Read more » अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाय