कविता अब कोई सपना नहीं June 17, 2024 / June 17, 2024 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment अब कोई सपना नहीं।सब टूट गया सपना वहीं।।जब बेटी ने जन्म लिया।तब पिता की आंखें नम हुई।अब जितना मैं कमाऊंगा।संजोकर उसे रख पाऊंगा।ताकि बेटी की शादी में।दहेज लूटा मैं पाऊंगा।।कहते हैं सब, वह बेटी है।तो क्या उसका मान नहीं?जन्म से पराया बना के।क्या उसका आत्म सम्मान नहीं?क्या लिखी है उसकी किस्मत में?क्या वह माता-पिता की […] Read more » अब कोई सपना नहीं