कविता विचारों का अंत नहीं,अवतार प्रतिस्थापित होते अवतार से January 6, 2021 / January 6, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment आज भाईयों को मरने मारने की,जो बात करे उसे भाईचारा कहते! क्या भाई कभी भी ऐसे हो सकते,जो भाई को मौत के मुंह ढकेलते? जो सबके अमन में खलल डालते,उनको अमन पसंद बिरादर कहते! क्या कभी ऐसे जाति-बिरादर होते,जो मासूम बच्चों में जहर घोलते? आज विश्व के मानवीय मजहबों में,मानवता नहीं मजहबी उन्माद होते! काश […] Read more » अवतार प्रतिस्थापित होते अवतार से