कविता
अस्पताल के कमरे से…
/ by बीनू भटनागर
रोगियों का मन है क्लांत, अस्पताल का वातावरण, श्वेत, शुद्ध, धवल,शान्त। श्वेत चादर श्वेत वस्त्र, डॉक्टर और नर्स सभी, विश्वास के हैं दीप्तमान! स्वास्थ लाभ होने का, दे रहे हैं वरदान! कभी कराह चीख़ पुकार. ओ.पी.डी. में भीड़- भाड़, रोगियों के परिवारों पर, दुख और चिन्ता का प्रहार। एक दुर्घटना हुई कल, स्कूल बस ट्रक […]
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