कविता साहित्य भारत – स्वच्छ – अस्वच्छ April 19, 2016 / April 21, 2016 by आशा वर्मा | 1 Comment on भारत – स्वच्छ – अस्वच्छ आँख में उँगली डाल एक ज़ोरदार नारे ने हमें झकझोर कर जगा दिया – “स्वच्छ भारत” आजतक पता ही नहीं था कि हम स्वच्छ नहीं हैं । हम तो अबतक यही मानते रहे कि हमने नहा कर तन बदन साफ़ किया । घर-द्वार बुहार कर कूडा कचरा घर के बाहर कर दिया। पूजा-पाठ करके मन […] Read more » अस्वच्छ भारत स्वच्छ