समाज स्तरहीन कवि सम्मेलनों से हो रहा हिन्दी की गरिमा पर आघात May 28, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ कवि सम्मेलनों का समृद्धशाली इतिहास लगभग सन १९२० माना जाता हैं । वो भी जन सामान्य को काव्य गरिमा के आलोक से जोड़ कर देशप्रेम प्रस्तावित करना| चूँकि उस दौर में भारत में जन समूह के एकत्रीकरण के लिए बहाने काम ही हुआ करते थे, जिसमें लोग सहजता से आएं और […] Read more » Featured आई एम इंजीनियरिंग एन आई टी कवि सम्मेलनों प्रबंधन मेडिकल रहा हिन्दी की गरिमा पर आघात विश्वविद्यालय स्तरहीन कवि सम्मेलनों हिन्दी भाषा