कविता कविता : तारीखें माफ़ करती नहीं July 20, 2013 by मिलन सिन्हा | 1 Comment on कविता : तारीखें माफ़ करती नहीं मिलन सिन्हा सोचनीय विषयों पर सोचते नहीं वादा जो करते हैं वह करते नहीं अच्छे लोगों को साथ रखते नहीं गलत करने वालों को रोकते नहीं बड़ी आबादी को खाना, कपडा तक नहीं गांववालों को शौचालय भी नहीं बच्चों को जरूरी शिक्षा व पोषण तक नहीं गरीब, शोषित के प्रति वाकई कोई संवेदना नहीं अपने […] Read more » कविता : तारीखें माफ़ करती नहीं