कविता आपस के रिश्ते जब से व्यापार हुए May 14, 2018 by कुलदीप प्रजापति | Leave a Comment कुलदीप विद्यार्थी आपस के रिश्ते जब से व्यापार हुए। बन्द सभी आशा वाले दरबार हुए। जिसको इज्ज़त बख्सी सिर का ताज कहा उनसे ही हम जिल्लत के हकदार हुए। मंदिर, मस्ज़िद, गुरुद्वारों में उलझे हम वो शातिर सत्ता के पहरेदार हुए। जिस-जिसने बस्ती में आग लगाई थी देखा है वो ही अगली सरकार हुए। आसान […] Read more » इज्ज़त कुत्ता बख्सी रिश्ते व्यापार सरकार
व्यंग्य व्यंग्य/कुत्तों की मानहानि…….. May 14, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 5 Comments on व्यंग्य/कुत्तों की मानहानि…….. -गिरीश पंकज इधर कुछ दिनों से संवेदनशील कुत्ते अपनी मानहानि की बढ़ती घटनाओं से बहुत दुखी थे। कुछ कुत्ते तो आदमी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे की तैयारी भी करने लगे। मुझे किसी ने बताया, कि पिछले दिनों दिल्ली में कुत्तों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन भी हो गया, जिसमें आम कुत्तों ने शिरकत की। खास […] Read more » Dog कुत्ता