कविता वक्त कैसा ये आया, खराब यार रे July 23, 2014 by कुमार सुशांत | Leave a Comment -कुमार सुशांत- वक्त कैसा ये आया, खराब यार रे, वक्त कैसा ये, सबकी नीयत यहां, है बेकार यार रे। अपनी बहनों की इज्जत खतरे में है, कैसा इंसा हुआ जा रहा यार रे। गोरे आए गुलाम हमें कर गए, उनकी राह क्यूं जाता है तू यार रे। वो है नारी जो शक्ति का रूप है, […] Read more » कुमार सुशांत कविता वक्त कैसा ये आया
कविता उठ जाग चलो फिर से, हमें देश बचाना है July 23, 2014 by कुमार सुशांत | Leave a Comment -कुमार सुशांत- उठ जाग चलो फिर से, हमें देश बचाना है, भारतमाता का यूं, हमें फर्ज निभाना है। ये देश है वीरों का, हमें शान से चलना है, उनके बलिदानों का, हमें कर्ज चुकाना है। ना समझो कि हम अब भी, आज़ाद हैं बिल्कुल ही, खतरे में है सभ्यता, हमें राष्ट्र बचाना है। जंजीरों में […] Read more » उठ जाग चलो फिर से कुमार सुशांत कविता देशभक्ति कविता हमें देश बचाना है