व्यंग्य “कौआ कान ले गया “ December 19, 2019 / December 19, 2019 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment “हुजूर ,आरिजो रुख्सार क्या तमाम बदनमेरी सुनो तो मुजस्सिम गुलाब हो जाए ,गलत कहूँ तो मेरी आकबत बिगड़ती है जो सच कहूँ तो खुदी बेनकाब हो जाए”इधर सताए हुए कुछ लोगों के जख्मों पर फाहे क्या रखे गए उधर धर्म को अफीम मानने वाले लोगों ने लोगों को राजधर्म याद दिलाने की कवायद शुरू कर दी।नागरिकता […] Read more » कौआ कान ले गया