कविता दर्दो को कागजो पर लिखता रहा April 19, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on दर्दो को कागजो पर लिखता रहा जिन्दगी के दर्दो को,कागजो पर लिखता रहा मै बेचैन था इसलिए सारी रात जगता रहा जिन्दगी के दर्दो को,सबसे छिपाता रहा कोई पढ़ न ले,लिख कर मिटाता रहा मेरे दामन में खुशिया कम् थी,दर्द बेसुमार थे खुशियों को बाँट कर,अपने दर्दो को मिटाता रहा मै खुशियों को ढूढता रहा,गमो के बीच रहकर वे खुशियों को […] Read more » Featured कागज गिरगिट ज़िन्दगी दर्दो लिखता