कविता भजन : गुरु महिमा August 1, 2025 / August 8, 2025 by नन्द किशोर पौरुष | Leave a Comment तर्ज: राधा के मन बस गए श्याम बिहारी दोहा: गुरुभक्तों के लिए, गुरु से बड़ा न कोय।गुरु सेवा से बड़ी जग में, सेवा कोई न होय।। मु: भक्तों के दिल में, रम रहे गुरुवर प्यारे।(शिष्यों के दिल में, रम रहे गुरुवर प्यारे। )गुरु का रंग चढ़ा है ऐसा -2….रंग फीके पड गए सारे।।भक्तों के दिल […] Read more » गुरु महिमा
विविधा भारतीय वाङ्मय में गुरु महिमा और गुरु पूर्णिमा July 29, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” भारतीय संस्कृति और दर्शन की परम्परा से गृहीत भारतीय वाङ्मय में गुरु को ब्रह्म से भी अधिक महत्व प्रदान किया गया है ।गुरु को प्रेरक, प्रथम आभास देने वाला, सच्ची लौ जगाने वाला और कुशल आखेटक कहा गया है, जो अपने शिष्य को उपदेश की वाणों से बिंध कर उसमें प्रेम की […] Read more » गुरु पूर्णिमा गुरु महिमा भारतीय वाङ्मय में गुरु महिमा