कविता चलाचल-चलाचल जिंदगी के सफर में…. May 24, 2021 / May 24, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह जिंदगी घिरी,शैलाभों और चट्टानों से|ऐ जिंदगी फिर डरना क्या,आँधियों और तूफानों से||विचार शून्य हो,भाव भक्ति का हो|तो भगवान् हम सफर है,भक्त के सफर में||चलाचल-चलाचल जिंदगी के सफर में,हम सफर है तो सफर से क्या डरना||खंजर की क्या मजाल कि तेरे अरमानो को कुचल दे|.अरमान ही क्या करे कि तू खुद खंजर […] Read more » चलाचल-चलाचल जिंदगी के सफर में….