धर्म-अध्यात्म श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-४ August 8, 2011 / August 8, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | 4 Comments on श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-४ विपिन किशोर सिन्हा कर्म गीता का मूलमंत्र है। निष्काम कर्मयोग में सारे दर्शन समाहित हैं। Work is worship — कार्य ही पूजा है, का सिद्धान्त गीता से निकला (Derived) है। ईश्वर की प्राप्ति के लिए श्रीकृष्ण के पूर्व यह मान्यता थी कि संसार का परित्याग कर घने वन, पर्वत पर, नदी के किनारे या […] Read more » छद्म धर्मनिरपेक्ष श्रीमद्भगवद्गीता