महत्वपूर्ण लेख जनजाति विकास का फंडा, कितना तेज कितना मंदा January 11, 2014 / January 11, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment -जावेद उस्मानी- क्या उसकी भूख और प्यास अलग है मुझसे, दरबदर मारा फिरता है जो इक रोटी के लिए! समाज के भले नियमों की क्या ख़बर उसे, वह तो जो भी करता है बस अपनी रोज़ी के लिए! तो उसका जीवन उसका क्यों, क्यों मेरा जीवन मेरा है? दुःख तो आखि़र दुःख है साहिब न मेरा है न […] Read more » problems with tribal development कितना तेज कितना मंदा जनजाति विकास का फंडा