कविता हिंद स्वराज जन्म पुनर्जन्म के बीच कर्मफल भोगते अकेले हिन्दू March 10, 2021 / March 10, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहिन्दू होनाजीवन की पहलीऔर आखिरीसच्चाई हो सकतीबीच में गीता को छूकरकोर्ट में गवाहीदेने जैसी स्थिति! सदियों से गीता सेपहले गीतों की घूंटी मेंपिलाती रही मांमां की मां/पिता की मां‘सत्यं ब्रूयात्प्रियं,ब्रूयान्नब्रूयात्सत्यमप्रियम्…’ कीआचरण संहिताजीवन को बचाने के लिएआवश्यक है कुछ झूठ,मगर उससे अधिक जरूरी हैमरे का पोस्टमार्टम भीताकि हो ना जाए झूठ सच पर हावी! […] Read more » जन्म पुनर्जन्म के बीच कर्मफल भोगते अकेले हिन्दू