कविता जो रिश्तों पर भारी है September 4, 2015 by श्यामल सुमन | Leave a Comment जो रिश्तों पर भारी है ************************** अपना मतलब अपनी खुशियाँ पाने की तैयारी है वजन बढ़ा मतलब का इतना जो रिश्तों पर भारी है मातु पिता संग इक आंगन में भाई बहन का प्यार मिला इक दूजे का सुख दुख अपना प्यारा सा संसार मिला मतलब के कारण ही यारों बना स्वजन व्यापारी है वजन […] Read more » Featured जो रिश्तों पर भारी है