कविता साहित्य दिव्य आभा दिलों में ढाली है ! October 30, 2016 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment दिव्य आभा दिलों में ढाली है; प्रभा लेकर दिवाली आई है ! ख़ुशाली हर जगह पै छायी है; प्रमा में आत्म हर सुहायी है ! Read more » दिव्य आभा दिलों में ढाली है !