कविता नर्मदा जल को देते उतरनों की वसीयत February 14, 2025 / February 14, 2025 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment माँ नर्मदा तू पतित पावनी है, तेरा शीतल जल देता है पाप से छुटकारा तेरे दर पर बिन बुलाये चले आते है, स्नान करने नर-नारी ही नहीं भूत पिशाच भी वे अपने सिर का पाप तुझे अर्पण करते है। किसी के अन्दर होता है मलबा किसी के अन्दर चाहे-अनचाहे कुकर्मबोध तो कुछों के मन में […] Read more » नर्मदा जल को देते उतरनों की वसीयत