कविता निष्फल मुस्कान December 27, 2025 / December 27, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ——————— “सोच की अनुपस्थिति जब ओठों पर टिक जाती है, तो हँसी— हृदय की नहीं, खालीपन की भाषा बन जाती है। विचारहीन मुस्कान आईने में चमकती है, पर आत्मा के भीतर अंधेरे का विस्तार करती है। जो प्रश्न नहीं पूछता, जो पीड़ा पर ठहरकर मनन नहीं करता— वह जीते हुए भी जीवन से अनुपस्थित रहता […] Read more » निष्फल मुस्कान