राजनीति व्यंग्य पराजय का समीक्षा सत्र October 10, 2019 / October 10, 2019 by विजय कुमार | Leave a Comment शर्माजी मेरे परममित्र हैं। चार-छह दिन यदि उनसे भेंट न हो, तो मुझे उनके दर्शन करने जाना पड़ता है। वैसे इससे मुझे कई लाभ होते हैं। शाम का टहलना और शर्मा मैडम के हाथ की तुलसी और अदरक वाली कड़क चाय। यदि भाग्य अच्छा हो, तो चाय के साथ मिठाई या पकौड़े भी मिल जाते […] Read more » पराजय का समीक्षा सत्र