कहानी साहित्य पागल June 10, 2017 by तेजू जांगिड़ | Leave a Comment गाँव में उन दिनों खूब आंधी चल रही थी जिससे वहां की बालू रेत भी खूब उड़ रही थी। सारा माहौल कुछ मटमैले रंग का प्रतीत हो रहा था। एक तो आंधी ऊपर से ये तेज धूप, कोई अपने घरों से दोपहर को बाहर तक नहीं निकलता था। कौन खामखां आंधी में परेशानी उठाए भला। […] Read more » पागल