कविता बहत्तर हजार रुपए क्या,बहत्तर पैसे नहीं दे पायेगा | April 1, 2019 / April 1, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बहत्तर हजार रुपए क्या,बहत्तर पैसे नहीं दे पायेगा | अपने फैलाये मकड जाल में,वह स्वयं ही फस जायेगा || बहत्तर साल होने को आजादी,वह ऐसे ही बहकायेगा | पांच पुश्ते वादा कर चुकी है,वह कब गरीबी को हटायेगा || बहत्तर को आधा कर दो,छत्तीस का आकड़ा हो जायेगा | छत्तीस का आकड़ा कभी भी उसका […] Read more » बहत्तर हजार रुपए क्या