बहत्तर हजार रुपए क्या,बहत्तर पैसे नहीं दे पायेगा |

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बहत्तर हजार रुपए क्या,बहत्तर पैसे नहीं दे पायेगा |
अपने फैलाये मकड जाल में,वह स्वयं ही फस जायेगा ||

बहत्तर साल होने को आजादी,वह ऐसे ही बहकायेगा |
पांच पुश्ते वादा कर चुकी है,वह कब गरीबी को हटायेगा ||

बहत्तर को आधा कर दो,छत्तीस का आकड़ा हो जायेगा |
छत्तीस का आकड़ा कभी भी उसका सफल न हो पायेगा ||

बहत्तर का बहाना लेकर,वह खुद ही अमीर बन जायेगा |
गरीबी क्या हटेगी उससे,गरीब ही खुद देश से हट जायेगा ||

बहत्तर हजार सालाना से,बहात्तर हजार प्रति दिन आ जायेगा |
ऐसे वह कह कह कर वह किसी को फूटी कौड़ी भी न दे पायेगा ||

बहत्तर सालाना की बात करता है,ये साला ना दे पायेगा |
बहत्तर के चक्कर में खुद तो फसेगा,जीजा को भी फसायेगा ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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