कविता कुणाल तुम्हारी सुन्दर आंखें हो गई काल March 2, 2021 / March 2, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककुणाल! तुम महारानी पद्मावतीव मगध सम्राट अशोक के लाल!तुम्हारी दो आंखें थी खंजन जैसीसुन्दर, हो गई थी तुम्हारा काल! कुणाल नयनाभिराम थे इतने किविमाता; तिष्य हो गई थी बेहाल!जैसे एक पूर्वजा उर्वशी अर्जुन कोदेखकर मोहित हुई थी पूर्व काल! कुणाल धर्मविवर्द्धन! तुम्हारी थीविमाता के प्रति मर्यादा बेमिसाल!विमाता तिष्यरक्षिता ने खेली थी,तुम्हें दंड देने […] Read more » कुणाल तुम्हारी सुन्दर आंखें हो गई काल चन्द्रगुप्त प्रपौत्र बिन्दुसार पौत्र अशोक सुपुत्र मैं युवराज कुणाल!