विविधा भाषा और बोली को लेकर सदन में दिखी निशंक सरकार की गंभीरता September 29, 2010 / December 22, 2011 by धीरेन्द्र प्रताप सिंह | 3 Comments on भाषा और बोली को लेकर सदन में दिखी निशंक सरकार की गंभीरता -धीरेन्द्र प्रताप सिंह उत्तराखंड को पूरे देश में देवभूमि होने का विशेष स्थान प्राप्त है। भारत के अधिकांश लोकप्रिय और श्रध्दा के केन्द्र तीर्थ स्थल इसी प्रदेश में है। वैसे तो यहां की सरकारें इन तीर्थस्थलों को लेकर शुरू से ही संवेदनीशील रही है। 10 वर्ष की आयु वाला यह प्रदेश कई राजनीतिक झंझावातों से […] Read more » language बोली भाषा
साहित्य हिन्दी की शताब्दियां September 13, 2010 / December 22, 2011 by आशुतोष | 2 Comments on हिन्दी की शताब्दियां -आशुतोष फोन की घंटी बजी। दूसरी ओर हिन्दी के एक बड़े साहित्यकार थे। पहले वाक्य में उन्होंने मेरे हाल ही में लिखे गये एक लेख की प्रशंसा की। मेरे लिए यह प्रशंसा किसी पुरस्कार से कम न थी। लेकिन दूसरे ही वाक्य में मेरा उत्साह भंग हो चुका था। उन्होंने प्रश्न किया-‘यह जनसैलाब कौन सी […] Read more » language भाषा
समाज जंगल की भाषा बोलता आदमी July 28, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. सुभाष राय | 5 Comments on जंगल की भाषा बोलता आदमी -डा. सुभाष राय भाषा, संयम और धैर्य आदमी को जानवर से अलग करने वाले उपकरण हैं। किसी विद्वान ने कभी कहा था कि आदमी एक सामाजिक पशु है। आदमी मूल रूप से जानवर ही है लेकिन उसकी सामाजिकता उसे जंगलीपन के अँधेरे में खो जाने से रोकती है। सामाजिक होने की सबसे बड़ी शर्त होती […] Read more » language भाषा
विविधा वर्चस्व के संघर्षों का अखाड़ा है भाषा April 5, 2010 / December 24, 2011 by सुधा सिंह | Leave a Comment भाषा का प्रयोग और भाषिक संकल्पनाएं वर्गाधारित रही हैं। भाषा को लेकर जितनी भी धारणाएं है उन सबमें एक आम राय है कि भाषा निरपेक्ष नहीं होती। बोलना कभी भी निरपेक्ष नहीं रहा है। भाषिक व्यवहार उदासीनता का व्यवहार नहीं हुआ करता न, ही भाषा केवल सम्प्रेषण का माध्यम है। भाषा की भूमिका इससे कहीं […] Read more » language भाषा
विविधा विलुप्त की कगार पर भाषाएं February 7, 2010 / December 25, 2011 by केशव आचार्य | Leave a Comment आज सुबह जैसे ही अख़बार उठाया एक छोटी सी खबर ने सोचने पर मज़बूर कर दिया…खब़र थी अंडमान की एक प्राचीन भाषा को बोलने वाली एकमात्र महिला बोआ का निधन। 85 वर्षीय बोआ के देहांत के बाद अब इस भाषा को बोलने वाला कोई नहीं बचा है। बोआ बो भाषा की जानकार थी और ये […] Read more » language भाषा