राजनीति व्यंग्य मुखर – मुखिया, मजबूर मार्गदर्शक …!! January 1, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तेज – तर्रार उदीयमान नेताजी का परिवार वैसे था तो हर तरफ से खुशहाल, लेकिन गांव के पट्टीदार की नापाक हरकतें समूचे कुनबे को सांसत में डाले था। कभी गाय – बैल के खेत में घुस जाने को लेकर तो कभी सिंचाई का पानी रोक लेने आदि मुद्दे पर पटीदार तनाव पैदा करते रहते। इन […] Read more » Featured मजबूर मार्गदर्शक ...!! मुखर - मुखिया