समाज मनुष्य को अछूत मानने वाला स्वयं ‘अछूत’ है November 13, 2014 / November 15, 2014 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment अस्पृश्यता को लेकर पुन: एक बार चर्चा चली है। पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने इस विषय में पुन: आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है और शूद्रों को मंदिर में प्रवेश पाने से निषिद्घ करने की बात कही है। जब विश्व मंगल ग्रह पर जाकर पृथ्वी के मंगल गीतों से मंगल पर मंगल मना रहा […] Read more » मनुष्य को अछूत मानने वाला स्वयं ‘अछूत’ है