कहानी मेहमान April 28, 2025 / April 28, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment पाँच की मैगी साठ में खरीदी,सौदा भी कोई सौदा था?खच्चर की पीठ पे दो हज़ार फेंके,इंसानियत भी कोई इरादा था? बीस के पराठे पर दो सौ हँस कर,पचास टिप फोटो वाले को,हाउस बोट के पानी में बहा दिएहज़ारों अपने भूखे प्याले को। नकली केसर की खुशबू मेंअपनी सच्चाई गँवा बैठे,सिन्थेटिक शाल के झूठे रेशों मेंअपने […] Read more » मेहमान
कविता क्यों आते हैं तूफ़ान जिन्दगी में May 11, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on क्यों आते हैं तूफ़ान जिन्दगी में आये हो जब से तुम मेरी जिन्दगी में एक तूफ़ान आ गया मेरी जिन्दगी में लगता है ये मौसम बेईमान हो गया शायद ये दिल मेरा परेशान हो गया लगता है ये तूफ़ान आगे बढ़ने लगा मेरी रातो की नींद को ये चुराने लगा न दिन में है चैन,न रात को है चैन कयू करता […] Read more » गन्दगी ज़िन्दगी तूफ़ान प्रक्रति मेहमान सदियों