कविता मैने फूलदान सजाया October 30, 2012 / October 30, 2012 by बीनू भटनागर | 2 Comments on मैने फूलदान सजाया उपवन मे जो पुष्प खिले थे, पवन सुगंधित कर देते थे, सुमन सुन्दर अति मनोहारी, कुसुम यही शोभा बगिया के। इन्हें तोड़ डाली से काँटे काटे, फिर एक प्यारा सा गुलदस्ता रत्न जटित एक फूलदान मे, उन्हें संवारा और सजाया। मैने अपना कक्ष सजाया, तन मन मेरा अति भरमाया , दो दिन तक […] Read more » मैने फूलदान सजाया