समाज पाश्चात्य समीक्षकों की दृष्टि में गीतांजलि May 29, 2018 by डॉ छन्दा बैनर्जी | Leave a Comment डॉ. छन्दा बैनर्जी सन् 1913 का वर्ष न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए आध्यात्मिक-ऐश्वर्य का अभूतपूर्व वर्ष था । इसी वर्ष विश्वसाहित्याकाश में ध्रुवतारा सदृश भारत की पहचान बनी थी रवीन्द्रनाथ ठाकुर की लेखनगर्भ से जन्मी ‘गीतांजलि’ । ‘गीतांजलि’ – अर्थात ईश्वर के प्रति गीतों की अंजली । गीतांजलि केवल कुछ […] Read more » Featured गीतांजलि नोबल पुरस्कार यूनाइटेड किंगडम की रॉयल सोसाइटी रवीन्द्रनाथ रवीन्द्रनाथ ठाकुर श्री बसन्त कुमार राय