विधि-कानून वर्गतंत्र में परिवर्तित होता लोकतंत्र May 9, 2020 / May 9, 2020 by केवल कृष्ण पनगोत्रा | Leave a Comment *केवल कृष्ण पनगोत्रा प्रजातंत्र पर इतराते-ऐंठते सात दशक गुजर गए। ..और जब कोई न्यायाधीश या नौकरशाह सत्ता की चाकरी से पिंड छूटते ही व्यवस्था की खामियों की तल्ख़ परतें उधेड़ने लगे तो यकीन करना पड़ता है न? सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने अपनी नौकरी के अंतिम दिन विदाई भाषण में जूडिशरी पर […] Read more » परिवर्तित होता लोकतंत्र वर्गतंत्र