कविता विधान सभा चुनाव August 20, 2014 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- राज्यों का विधान सभा चुनाव , देता है अब यही सुझाव, सोच समझ कर नेता चुनना , आगे को न तुम पछताव | चुनाव करीब आने पर देखो , बना रहे सब प्रोपोगंडा, जीत मिलेगी जैसे ही उनको ,सारा मामला होगा ठंडा। सभी पार्टियाँ को तो देखो , कर रहे इक दूसरे पर […] Read more » चुनाव कविता विधान सभा चुनाव व्यंग्य कविता
कविता व्यंग्य कविता : मनहूस चेहरा May 7, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा पूरे पांच वर्ष बाद चुनाव के समय जब नेताजी लौटकर अपने गाँव आए तो देखकर उन्हें गांववाले बहुत गुस्साए कहा, उनलोगों ने उनसे आप फ़ौरन यहाँ से चले जाइए और फिर कभी अपना यह मनहूस चेहरा हमें न दिखलाइए सुनकर यह नेताजी हो गए उदास कहा, लोगों को बुलाकर अपने पास भाई, अगर […] Read more » poem by milan sinha व्यंग्य कविता
कविता व्यंग्य साहित्य व्यंग्य कविता ; काम वालियां – प्रभुदयाल श्रीवास्तव January 30, 2012 / January 29, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment काम वालियां नहीं कामपर बर्तन वाली दो दिन से आई इसी बात पर पति देव पर पत्नि चिल्लाई काम वालियां कभी समय पर अब न आ पातीं न ही ना आने का कारण खुलकर बतलातीं बिना बाइयों के घर तो कूड़ाघर हो जाता बड़ी देर से कठिनाई से सूर्य निकल पाता छोटी बच्ची गिरी फिसल […] Read more » poem vyangya काम वालियां व्यंग्य कविता