लेख साहित्य हर युग में महाभारत May 19, 2016 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment महाभारत के समय भी दो वर्ग थे — एक निपट भौतिकवादी, जो शरीर के अतिरिक्त कुछ भी स्वीकार नहीं करता था और जिसकी दृष्टि मात्र भोग पर थी। आत्मा के होने, न होने से कोई मतलब न था। जिन्दगी का अर्थ था भोग और लूट, खसोट। उसी वर्ग के खिलाफ कृष्ण को युद्ध करवाना पड़ा। […] Read more » हर युग में महाभारत