कविता
हे साधो! तुम साध सको तो साथ लो
 
 /  by विनय कुमार'विनायक'    
—विनय कुमार विनायक हे साधो! तुम साध सको तो साध लो, सुनो ये अपना भारत देश ना बर्बाद हो, तुम कुछ जतन करो,  कुछ प्रयत्न करो, हर मुश्किल में राष्ट्र हमारा आबाद हो! हे साधो! तुम साध सको तो साध लो, फिर भेड़ियों से भर गई है भारत भूमि, जहां पहले होते थे सिद्ध, ऋषि, […] 
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