शिक्षकों को याद करने का दिन आया

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-प्रतिमा शुक्ला-

teacher

5 सितंबर को एक बार फिर महान शिक्षाविद् एवं दार्शनिक भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करेंगे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। डॉ. सर्वपल्लवी राधाकृष्णन जी की मान्यता थी कि यदि सही तरीके से शिक्षा दी जाय़े तो समाज की अनेक बुराइयों को मिटाया जा सकता है।

आज के दिन का स्कूली बच्चों में बड़ा उत्साह रहता है कि कैसे क्या करे कि अपने अध्यापक को खुश कर सके। स्कूलों में भी रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन कर बच्चों का उत्साह बढ़ाया जाता है।

हालाकि अब आज के परिवेश में गुरू और शिष्य दोनों की ही भूमिकाए बदल चुकी है। अब न वो पहले जैसे गुरू रहे जिनका सम्मान होता है और न वो पहले जैसे शिष्य की गुरूओं का आदर सम्मान करे। आजकल कई ऐसी आपराधिक खबरें आ जाती है जो गुरू और शिष्य के रिश्ते को अपमानित और कलंकित करती है। जिस तरह शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है वैसे ही शिक्ष का स्तर भी गिर रहा है। आज शिक्षा को गरीब व आम छात्रों के लिए सुलभ और उसको रोजगार परक बनाने के लिए शिक्षा का राष्ट्रीयकरण किया जाना जरूरी है। इसी संदर्भ में यह आवश्यक है कि शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत या उससे अधिक खर्च करते हुए निजी शिक्षण संस्थाओं का राष्ट्रीयकरण कर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों को सरकारी एवं अनुदानित स्कुलों में ही पढ़ाने का कानुन बनाया जाना आवश्यक है, जिससे इन विद्यालयों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठ सके, क्योंकि शिक्षा के निजीकरण के परिणामस्वरुप शिक्षा बेहद मंहगी हो गयी है और उसमें व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के चलते उसकी गुणवता में भी भारी गिरावट आ गई है जिसका सीधा खामियाजा गरीब और आम समाज से आये विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। कहीं न कहीं आज के शिक्षक भी लोभी और भारी भ्रष्टाचार में लिप्त है।

शिक्षक अपने विद्यार्थियों को अनुशासनप्रिय बनाने एवं उनमें नैतिक मूल्यों के गुण रोपित करने, उदारता, सहयोग और सही साध्य एवं साधन को अपनाने की प्रेरणा देते हैं और विद्यार्थियों में छुपी प्रतिभा का विकास करते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आ रही नई चुनौतियों के कारण शिक्षकों का दायित्व और भी बढ़ गया है।

सभी शिक्षकों को सत् सत् नमन –

ज्ञानी के मुख से झरे, सदा ज्ञान की बात।

हर एक पांखुङी फूल, खुशबु की सौगात।।

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  1. मोदी के गुजरात में स्थित तथा उनके परम मित्र मुकेश अम्बानी की कम्पनी रिलायंस में शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा उनके पूरे परिवार के साथ अमानवीय बर्ताव होता है फिर उन्हें शिक्षक दिवस पर बोलने का क्या नैतिक अधिकार है ? ? ? “सबके मन को भाती हिंदी ” पर गुजरात के रिलायंस कम्पनी को हिंदी नहीं भाई और 14 सितम्बर 2010 को के.डी.अम्बानी विद्या मंदिर रिलायंस जामनगर ( गुजरात ) के प्रिंसिपल एस. सुंदरम ने सभी बच्चों और स्टाफ के सामने प्रात:कालीन सभा में माइक पर एनाउंस किया ” हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं हिंदी टीचर्स आपको गलत बताते हैं” उनके पाकिस्तानी बॉर्डर पर इस बयान से विनम्र असहमति रखने वाले 25 सालों के अनुभव वाले – आकाशवाणी राजकोट के हिंदी वार्ताकार शिक्षक-शिक्षिकाओ को रिलाय्न्स कम्पनी द्वारा बड़ी बेरहमी से केवल निकाला ही नहीं गया उनके बच्चों को शांति से बोर्ड परीक्षा भी नहीं देने दिया गया, उनके साथ मारपीट भी की गई जिसकी लिखित शिकायत स्थानीय थानेदार से लेकर उस समय के मुख्यमंत्री मोदी साहब को दर्जनों बार की गई महामहिम राष्ट्रपति-राज्यपाल-प्रधानमंत्री के इंक्वायरी आदेश आने पर भी गुजरात सरकार ने आज तक न्याय नहीं किया है : ———————-
    मोदी हिंदी और विशेषकर हिंदी शिक्षक-शिक्षिकाओं के घोर विरोधी हैं ——उन्हें शिक्षक दिवस पर बोलने का क्या नैतिक अधिकार है ? ? ——-
    हिंदी शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ रिलायंस जामनगर (गुजरात) में जानवरों जैसा सलूक….क्योंकि वे राष्ट्रभाषा – हिंदी के हैं ……..
    मुकेश अम्बानी की पत्नी नीता अम्बानी उस विद्यालय की चेयरमैन हैं तथा 19-12-12 के नवभारत टाइम्स में निकलवाती हैं कि मैं अपने स्कूलों को प्रसन्न रखती हूँ……, पाताल गंगा और नागोथाने के स्कूलों ने खुद उनके खिलाफ केस कर रखा है– – रिलायंस कम्पनी के के0 डी0 अम्बा नी विद्यालय jaamanagar में भी अन्याय चल रहा है, 11-11 साल काम कर चुके स्थाई टीचर्स को निकाला जाता है क्योंकि वे राष्ट्रभाषा हिंदी के हैं, पाकिस्तान से सटे इस सीमावर्ती क्षेत्र में राष्ट्रभाषा – हिंदी वा राष्ट्रीयता का विरोध तथा उसपर ये कहना कि सभी हमारी जेब में हैं रावण की याद ताजा कर देता है अंजाम भी वही होना चाहिए….. !!!!! जय हिंद……… ! जय हिंदी……… !!!
    बात केवल हिंदी की ही नहीं है रिलायंस के के0 डी0 अम्बानी विद्या मंदिर जामनगर ( गुजरात ) में मनोज परमार मैथ टीचर को इतना टार्चर्ड किया गया कि प्रिंसिपल सुंदरम के सामने स्कूल में मीटिंग में ही उनका ब्रेन हैमरेज हो गया। वो गुजराती ही थे आज उनके बच्चे के प्रति स्कूल या रिलायंस कुछ नहीं कर रही है पत्नी को नौकरी भी नहीं दिया गया उनके पिताजी से खुद बात कर सकते हो – 9824503834.
    Soon after joining Mr.Sundaram did a really very wrong. He forced 3 gujarati teachers with very cruelty (Parth Mehta – 9726527001, Nalin Panchal and Ketan Prajapati – 9898930011) and also some office staff (Mrs. Sapna – 9824597192, Mr. Vikram and Milan Vadodaria -9998959359) to resin and that also without any proper reason. So, these people had to resign from the school unwillingly. This was a very inhuman and cruel work done by him.Repeating the same tradition, Gohel Bhai and Narayan Bhai(drivers – 9879509581, 9712445340 ), Ketan Bhai (music teacher) and many other employees have been forced to resign without any sufficient reason2) Due to Sundaram and Alok Sir so many excellent teachers are left the school like –Dr. Navin Sharma( 09663451065.), Dr.Nitu Singh, Mr.P.N.Rai ( 7856871622 ), Mr.Kshmanand Tiwari (07567166915), Mr.Gajendra Khandelwal (9374373881), Dr.Ashok Kumar Tiwari (9428075674), Mr. Narsimhan (09952174530), Parth k Mehta( 9726527001, 9724035608 )etc. please contact those persons also, for realities
    इस में आप सबकी मदद चाहिए मित्र ….किसी शिक्षक ने आपको भी पढ़ाया होगा उसी नाते इन शिक्षक-शिक्षिकाओं की सहायता करो मित्र सहायता करो…………प्लीज.!!!
    जब भारत सरकार के मंत्री रेड्डी साहब जैसे लोग निकाले जा रहे हैं तो ये लोग बिखरे हैं शांत प्रकृति के टीचर्स हैं..बिना आप सबकी मदद के कुछ नहीं कर पाएँगे……….
    गरीब वहाँ मर रहे हैं, राष्ट्रभाषा हिंदी का अपमान खुलेआम हो रहा है :———-!! जय हिंद……… ! जयहिंदी……… !!!
    गुजरात में लगभग सभी रिलायंस की हराम की कमाई डकार कर बिक चुके हैं इसलिए पचासों पत्र लिखने महामहिम राष्ट्रपति-राज्यपाल तथा प्रधानमंत्री का इंक़्वायरी आदेश आने पर भी गुजरात सरकार चुप है ! मोदी हिंदी और विशेषकर हिंदी शिक्षक-शिक्षिकाओं के घोर विरोधी हैं ——उन्हें शिक्षक दिवस पर बोलने का क्या नैतिक अधिकार है ? ? ?

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