सोशल मीडिया का असर

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शेयर कर लेते है,सारी दुनिया को सोशल मीडिया के द्वारा
शेयर नहीं कर पाते माँ-बाप से जिन्होंने दुनिया में उतारा

माफ़ कर देते है माँ-बाप,अपने बच्चों को,जो गलती करते बार बार
पर बच्चे माफ़ नहीं करते,माँ-बाप को जो गलती करते है एक बार

ये कैसे सोशल मीडिया है,जो अपनों से रहते है हम दूर
अपने घर में रहते हुये भी,हो जाते है अपनो से ही दूर

लगाते है काफी वख्त केवल, सोशल मीडिया पर हम सब
पर एक घंटा भी नहीं दे पाते जब रहते अपने घर हम सब

इस सोशल मीडिया से कारण हम कितने अनसोशल हो रहे 
अपने माँ-बाप को छोड़ कर गैरो से हम गप-शप कर रहे

सोशल मीडिया एक अभिशाप हो चूका है,आज इस समय पर
हम अपने पैरो कुल्हाड़ी मार रहे,नमक छिडक रहे है घाव पर

रस्तोगी और अधिक क्या लिखे ,इस सोशल मीडिया पर
हम अपने आप को खो रहे है सोशल मीडिया को पा कर

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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