मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम खुला पत्र

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प्रिय श्री शिवराज सिंह जी,

“अत्याचार ना भ्रष्टाचार, हम देंगें अच्छी सरकार”, “राज आप बदलें, व्यवस्था हम बदलेंगें” और बिजली पानी सड़क के मुद्दों पर प्रदेश की जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी थी। आज प्रदेश में भाजपा सरकार की दूसरी पारी शुरू हुये एक साल का समय बीत गया है। महिला अत्याचार में प्रदेश ने इस दौरान देश में पहला स्थान पा लिया है। भ्रष्टाचार का नजारा तो नगर के लोगों ने गली-गली और सड़क-सड़क देखा है। प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा सी गयी है। बिजली की आंख मिचौली ने प्रकाश के त्यौहार दीपावली में भी कमाल दिखा ड़ाला। दुगनी कीमत पर बनी घटिया सड़कों का आनंद लोग उठा ही रहे हैं। पानी के संकंट को दूर करने के लिये पैसे तो बहुत आये पर संकंट जस का तस है।

Shivraj-Singh-Chauhanमुख्यमंत्री जी आप विधानसभा और लोकसभा चुनावों के पहले भी सिवनी आये थे। जिले के भाजपा नेताओं ने आपसे शहर के विकास के लिये बहुत कुछ मांगा भी था और आपने दोनों ही बार मंच से जिला कलेक्टर को निर्देशित किया था कि तीन महीने के अंदर शहर का मास्टर प्लान तैयार करें और फिर विकास के काम शुरू किये जायें। पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। लेकिन अभी तक आपके द्वारा निर्देशित मास्टर प्लान का ही अता पता नहीं है। अब नगर पालिका चुनाव के पहले आप फिर आ रहे हैं। परंपरा अनुसार इस बार भी भाजपा विधायक नीता पटेरिया ने आपको एक पत्र लिखकर पुरानी मांगों को ही दोहरा दिया है। हमें डर यह है कि इस बार भी नतीजा सिफर ही ना निकले।

समूचा शहर दलसागर तालाब की सड़ांध से परेशान था। हमें मालूम हुआ है कि आपने इसकी सुध ली है और आप कुछ राशि भी यहां देने वाले हैं। पता चला है कि इसके लिये 150 लाख रुपये की स्वीकृति भी हो चुकी है। वैसे इस ऐतिहासिक तालाब की पहली बार सफायी 80 के दशक के शुरुआती सालों में हुयी थी। तब से अब तक कई बार केन्द्र और प्रदेश सरकार ने इसके सौन्दर्यीकरण और सड़ांध मिटाने के लिये धनराशि दी है। करोड़ों की यह धनराशि तो मिट गयी लेकिन सड़ांध अभी तक नहीं मिटी है। हमारा अनुरोध है कि आप पिछला हिसाब भी लें और अब जो भी धनराशि दें उसके सदुपयोग का सबक भी सिखा जायें ताकि नागरिकों को राहत मिल सके।

आप अपने इस प्रवास के दौरान बबरिया जलाशय का निरीक्षण करने भी जा रहे हैं। सन 1904 में बना यह तालाब शहर की जनता की प्यास बुझाता था। फिर करोड़ों रुपयों की लागत से भीमगढ़ जलावर्धन योजना शुरू की गयी जिसमें भारी भ्रष्टाचार किये जानें के आरोप भाजपा तो लगाती रही लेकिन अपने ही राज में इसकी जांच तक नहीं करा पायी। जांच कराने के बजाय प्रदेश की भाजपा सरकार ने बबरिया जलावर्धन योजना के लिये साठ लाख रुपये स्वीकृत कर दिये जो शहर के तीन मोहल्लों की प्यास तक नहीं बुझा पा रही है। इसी तालाब से लगा निर्माणाधीन शंकराचार्य पार्क में भी लगभग एक करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। जिसके भ्रष्टाचार के किस्से अखबारों की सुर्खियां बनती रही है। दिल्ली की परेड़ में प्रदेश प्रतिनिधित्व करने वाली करने वाली मोगली की झांकी पहले तो अतिक्रमण करके तत्कालीन विधायक नरेश दिवाकर की निधि से नये बस स्टेन्ड के सामने लगायी गयी थी जिसे शंकराचार्य पार्क में लगाने के लिये निकाला गया था जिसे अब आप टूटी फूटी हालत में शंकराचार्य पार्क में पड़े देख सकते हैं।

नगर पालिका के भ्रष्टाचार की कई शिकायतें आपसे भी की गयीं लेकिन उनकी जांच तक नहीं हो पायी। लोकायुक्त की एक जांच के प्रतिवेदन पर प्रदेश सरकार ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और परिषद के सत्रह पार्षदों को पद से प्रथृक करने के लिये नोटिस दिये हैं। जिसमें नौ लाख रुपये की रिकवरी के आदेश भी दिये हैं। यह रिकवरी वर्तमान दर और पालिका द्वारा दी अधिक दर का अंतर भर है जबकि गुणवत्ता की कमी की रिकवरी तो अभी निकाली ही नहीं गयी है। पता चला है कि ऐसे हालात में भी आप इसी संस्था द्वारा बनायी गयी एक सड़क का लोर्कापण या भूमि पूजन करने जा रहे हैं। जब प्रदेश का मुखिया ऐसे कार्यक्रम में शिरकत करेगा तो क्या चल रही जांच एवं प्रशासनिक कार्यवाही पर विपरीत असर नहीं पड़ेगा?

वर्तमान नगर पालिका परिषद का कार्यकाल ना केवल भ्रष्टाचार के लिये चर्चित रहा है वरन उसने कई नये कीर्तिमान भी स्थापित किये हैं। अनगिनत ऐसी शिकायतें भी हैं जिनमें जांच तक नहीं करायी गयी है। नगर पालिका के चुनाव की पूर्व संध्या पर भाजपा की ऐसी भ्रष्ट परिषद के कार्यक्रमों में आपका आना अनेक राजनैतिक संदेश दे रहा है।

सधन्यवाद।

भवदीय,

आशुतोष वर्मा

मों. 09425174640

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