—विनय कुमार विनायक
इस मोबाइल फोन ने आदमी को
कुछ अलग सा जीव जन्तु बना दिया
घर बैठे दुनिया का एक प्राणी घुमंतू बना दिया!
इस फोन ने अपने भाई बहन बहनोई साले रिश्ते
एक झटके में खा पका कर सीधे-सीधे पचा दिया
इस मोबाइल ने सच को मार झूठ को बचा लिया!
जिससे उम्मीद नहीं की जानी चाहिए अपनेपन की
उस बेगाने ने एक फरेबी वाट्सएप फेसबुक चाट से
अपने ढेर सारे मजबूत रिश्ते का विकेट चटका दिया
उकसा दिया बहका दिया भड़का दिया भटका लिया!
इस फोन ने पराए में अपनेपन का ख्वाब दिखा दिया
दूसरों को सब्जबाग दिखा कर अपनों को झाँसा दिया
इस फोन ने मानव की पहुँच को जितना आसान किया
मनुष्य के आपसी संबंधों का उतना ही नुकसान किया!
फोन के वाट्सएप फेसबुक के झूठे मक्कार फरिश्ते ने
झूठी सहानुभूति के सहारे सारे रिश्ते बेगाना बना दिया
इस मोबाइल ने अपनों के घर आना जाना मना किया
इस मोबाइल ने मनुज को अपनों से अंजाना बना दिया!
जिस संबंध को बनाने में माँ-पिता ने बरसों पापड़ बेले थे
हमारी पीढ़ी ने भी कुछ कम नहीं दुख सुख झमेले झेले थे
उस संबंध को किसी चैटर ने एक ही चैटिंग में निपटा दिया
इस मोबाइल ने अपने को अपनों से झटका देके पलटा दिया
जिससे कोई मतलब ना था उनलोगों ने सबकुछ उलटा दिया!
ये मोबाइल भी गजब चीज,नाचीज की कमाई का बना साधन
जिसमें थोड़ा भी ज्ञान था वे बने गुरु यूट्यूबर कमाया ढेर धन
ये फोन ना होता वाट्सएप फेसबुक ईमेल पबजी खेल ना होता
सीमा पार की सीमा को भारत के किसी मीना से मेल ना होता!
अगर ये मोबाइल ना होता तो सोनम शबनम नहीं होती बेवफा
किसी माँ पिता का राजा बेटा जीवन से नहीं हो जाता रफा दफा
कोई धोखेबाज दूसरे धर्म की बाला को छल प्रपंच में ना फँसाता
कोई धर्म पंथ की बुराई को ईश्वरी आदेश कह घृणा ना फैलाता!
इस मोबाइल ने आतंकी जिहादी को साईबर तकनीक बता दिया
इस मोबाइल ने देश की खुफ़िया जानकारी लीक कर खता किया
इस मोबाइल फोन ने आदमी के टोन में इस कदर बदलाव किया
बड़े प्रेम से फोन किया रौंग नम्बर कहकर कुछ नहीं भाव दिया!
इस मोबाइल ने पति पत्नी के बीच के प्यार को दिया कुम्हला
इस मोबाइल फोन ने भले आदमी को भी नहीं रहने दिया भला
जिस आशिक माशूका को भूले थे उसके स्टैटस को दिखा दिया
इस मोबाइल ने पढ़नेवाले विद्यार्थी को गलत काम सिखा दिया!
—विनय कुमार विनायक