आज की सियासत

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सियासत में अब शराफत रही कहां है,
अच्छे इंसान की जरूरत रही कहां है।
अब सियासत में झूठे का बोलबाला है,
नेक नेताओ की हिफाजत रही कहां है।।

सियासत में भ्रष्टाचार का बोल बाला है,
बुरे नेताओ का मुंह यहां बहुत काला है।
सत्ता के लिए वे कुछ भी कर सकते है,
अच्छे नेताओ के मुंह पर लगा ताला है।।

जिसके पास काम न हो सियासत करते है
सियासत के बदौलत ही अपना पेट भरते है।
सियासत की दुकान जरा बंद करके देखो,
बन्द दुकान होने पर वे सब भूखे ही मरते है।।

बे पढ़े लिखे नेता आज शिक्षा मंत्री बने है,
पढ़े लिखे लोग आज उनके पी ए बने है।
पता नही उस देश का भविष्य क्या होगा,
जहां बिना पढ़ाई के ही स्वास्थ मंत्री बने है।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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