दोहे साहित्‍य

मँहगी रोटी – सस्ती कार

priceसोने की चिड़िया कभी, अपना भारत देश।

अब के जो हालात हैं, सुमन हृदय में क्लेश।।

 

मँहगी रोटी हो रही, लेकिन सस्ती कार।

यही प्रगित की माप है, समझाती सरकार।।

 

भूखे हैं बहुजन यहाँ, उनके छत आकाश।

संकट में सब खो रहे, जीने का विश्वास।।

 

देख क्रिकेटर को मिले, रुपये कई करोड़।

लाख शहीदों के लिए, हाल दुखद बेजोड़।।

 

प्रायः सब कहते सफल, अन्ना का अभियान।

असल काम तो शेष है, भ्रष्टों की पहचान।।