बच्चों का पन्ना

हम रिश्वत न खायेंगे

‘ पापा अगर आज आप ,रिश्वत के रुपये लायेंगे,

तो निश्चित ही आज शाम का ,खाना हम न खायेंगे|

यदि गरीब निर्बलों से न,रिश्वत लेना बंद किया,

भ्रष्टाचार विरोधी जन‌,आंदोलन से जुड़ जायेंगे|

कापी कलम किताबॆं यदि, रिश्वत के धन से आयेंगीं,

तब तो यह तय है पापाजी,हम पढ़ लिख न पढ़ पायेंगे|

रिश्वत का कालाधन इतना ,शापित और प्रदूषित है,

इस घर में पापाजी अब हम ,ज्यादा न रह पायेंगे|

कड़ा परिश्रम समय लगाकर ,धन जब लोग कमाते हैं,

उस धन का तिनका भी लेकर ,अब हम जी न पायेंगे’|

बेटे की बातों को सुनकर, पापा पर यह असर हुआ,

बोले ‘बेटा कभी आज से ,हम रिश्वत न‌ खायेंगे’|