मौत का क्या भरोसा

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मौत का क्या भरोसा,
कब तुझको आ जाए।
भज ले प्रभु का नाम तू
फिर समय न मिल पाए।।

मौत है एक सच्चाई,
ये सबको एक दिन आती।
कब कहां किसको आयेगी,
ये नहीं किसी को बताती।।

मौत कब किसको आ जाए
ये पता नहीं किसी को चलता।
क्या बहाना लेकर ये आये
ये आभास न किसी को होता।।

बड़े बड़े योद्धाओं को भी
ये मौत सभी को है आईं।
देखो इतिहास तुम उठाकर
ये किसी को बचा न पाई।।

तेरे साथ केवल जायेगी,
तेरे कर्मो की ही कमाई।
अच्छे कर्म तू कर ले
इससे बड़ी न कोई कमाई।।

जिंदगी है चार दिन की,
दो दिन की है जवानी
कर ले नेक काम इसमें,
फिर न मिलेगी ये जवानी।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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