कविता

काठ की हांड़ी में क्या पक रहा है कठुवा केस में

काठ की हांडी में कब तक झूठ पकेगा कठुवा केस में उसे जानना है
असली कातिल कही ओर छिपा है,किसी ओर भेष में उसे पकड़ना है

ऐ टी एम में केवल कैश नहीं निकलता,कभी निकलता सच भी है
जो सच्चा सबूत निकला है अब,जो बचा सकता विशाल को भी है

जे & के पुलिस सफेद झूठ बोल रही है,कैमरा कभी झूठ बोलेगे क्या ?
कैमरा एक बेजान चीज है,पुलिस की तरह कभी रिश्वत लेगा  क्या ?

बैंक स्टेटमेंट उसका तुम देखो,लिखतम के आगे बकतम है क्या ?
15 जनवरी को विशाल मीरापुर में था,सुबह कठुवा पहुचेगा क्या ?

पुलिस चार्ज शीट झूठ का पुलंदा अब इस पर विश्वास करना क्या ?
झूठ के पैर होते नहीं है,कठुवा केस  ओर आगे चल पायेगा क्या ?

इस कविता को एक बैंक अधिकारी लिख रहा,उसको समझाओगे क्या ?
जान लड़ा दूंगा इस केस में,मुझे बच्ची के कातिलो से अब डरना क्या ?

आर के रस्तोगी