अबकी बार क्या करना है होली में

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जो ग़मगीन चेहरे है,रंगीन रंग भर दो उनकी झोली में |
कोई भी उदास न रहे,इस गुलाल रंगो से भरी होली में ||

बंद है जो बुजुर्ग घरो में,इस कमीने कोरोना काल में |
उनके साथ होली खेलो,खुश रखो उनको हर हाल में ||

रूठे है जो दोस्त तुमसे,गुलाल लगाओ उनको होली में |
नाचो कूदो उनके संग,गाना गाओ तुम उनकी टोली में ||

सीमा पर है जो तैनात जवान,रंग बरसाओ उनकी टोली में |
दुश्मन के छक्के छूट जाये,बारूद भरो तुम उनकी गोली में ||

सम्मान करो उन बहनो का,जिनका सिन्दूर पुछा है होली में|
फिर से उनको दुल्हन बनाओ,श्रृंगार करो उनका इस होली में ||

ईर्ष्या घृणा मनमुटाव का दहन करो,तुम सब इस होली में |
सबको गले लगा लो तुम,जो रूठ गए थे पिछली होली में ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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