ज्योतिष आचार्या रेखा कल्पदेव
वर्तमान में कश्मीर राज्य से धारा 370 हटाने का मामला न्यूज चैनलों की चर्चा से बाहर होता जा रहा है। हर अखबार, हर न्यूज चैनल और हर व्यक्ति की जुबां पर सिर्फ सिर्फ हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की खबर गर्मी पकड़ रही है। दिल्ली वालों को इस दम घोंटू हवा से जल्द राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। इसी के साथ एक और मामला, एक ओर खबर अखबरों की सूर्खियों में छाई हुई है। वह हैं महाराष्ट राज्य में बनने वाली सरकार को लेकर।
काफी जद्दोजहद बीजेपी और शिवसेना के मध्य चल रही है। दोनों अपनी अपनी बातों पर अड़े हुए है, इसे अहम की लड़ाई कहें या सत्ता की, महाराष्ट राज्य की सत्ता प्राप्ति का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह हर कोई जानना चाहता है। राजनैतिक सरगमियों से आगे आज हम फडनवीस जी की कुंड्ली से जानने का प्रयास करेंगे कि क्या उनकी कुंडली यह कहती है कि वो इस बार भी महाराष्ट राज्य की कमाल एक बार फिर से संभालेंगे? या यह मौका अन्य किसी को मिलेगा।
आईये जानें –
आगे बढ़ने से पूर्व आईये सबसे पहले देवेंद्र फड़नवीस के जीवन को संक्षेप में जानने समझने का प्रयास करते हैं-
देवेंद्र फड़नवीस का पूरा नाम देवेंद्र गंगाधर फड़नवीस है। वह भारतीय जनता पार्टी से संबंधित एक सक्रिय राजनीतिज्ञ हैं। वे महाराष्ट्र के 18 वें मुख्यमंत्री हैं। फड़नवीस का जन्म 22 जुलाई 1970 को महाराष्ट्र के नागपुर में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह 44 वर्ष की आयु में शरद पवार के बाद महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 31 अक्टूबर, 2014 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में पद की शपथ ली थी।। फड़नवीस ने अपनी स्कूली शिक्षा नागपुर के शंकर नगर चौक में सरस्वती विद्यालय से की है। देवेंद्र फड़नवीस कानून की डिग्री धारक हैं लेकिन उनके स्वयं के अनुसार वे बहुत अधिक कानून का पालन नहीं करते हैं। एक समय था जब वे एबीवीपी के एक सक्रिय सदस्य थे और युवाओं को समाज के पुनर्निर्माण के लिए प्रेरित करते थे। वह दीवारों को रंगते थे और उन पर राजनेताओं के प्रचार पोस्टर चिपकाते थे। देवेंद्र फडणवीस ने अपना करियर आर आर एक शाखा से शुरू किया। 22 साल की उम्र में वे नागपुर महानगर पालिका के मेयर बने। आज वे अपने बौद्धिक कौशल और पेशेवर निष्ठा के लिए जाने जाते हैं।
देवेंद्र फड़नवीस की कुंड्ली का विश्लेषण
जन्मसमय के अभाव में हम इनकी चंद्र कुंडली का अध्ययन करेंगे।
चंद्र कुंड्ली के अनुसार इनकी कुम्भ जन्मराशि है। चंद्रमा राहु के साथ स्थित है। सातवें भाव में केतु और शुक्र की युति, पराक्रम भाव में नीचस्थ शनि , छ्ठे भाव में सूर्य, मंगल और बुध स्थित है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि मंगल यहां नीच राशि के हैं और सप्तमेश, आष्टमेश के साथ है। द्वादश भावस्थ मकर राशि पर नीचस्थ शनि की दशम दॄष्टि आ रही है। किसी भी कुंडली में राजनैतिक सफलता अर्जित करने के लिए आवस्यक है कि राहु बली हो। यहां राहु मित्र राशि कुम्भ में हैं और नवमेश शुक्र के द्वारा दॄष्ट है, एवं जन्मचंद्र के साथ युति संबंध में है। इस प्रकार से राहु और चंद्र दोनों को भाग्येश शुक्र की शुभता भी प्राप्त हो रही है। दशम भाव जिसे हम ज्योतिष में कर्म भाव के नाम से भी जानते हैं, इस भाव के स्वामी मंगल हैं और दशमेश मंगल भी अपनी आठवीं दृष्टि से राहु और चंद्र को प्रभावित कर रहे हैं। दशमेश का जन्मराशि को देखना इन्हें नेतृत्व शक्ति और उच्च मनोबल दोनों दे रहा है।
एकादश भाव सफलता, उन्नति, और कामनाओं का भाव हैं इस भाव का स्वामी नवम भाव में स्थित है, यह एकादशेश की शुभ स्थिति है। 5 नवम्बर 2019 से गुरु इनके एकादश भाव पर गोचर करने वाले हैं, एकादश भाव में स्थित धनु राशि गुरु ग्रह की स्वयं की राशि होने के कारण यह भाव इस दिन से बली हो रहा है। इस समय शनि भी इनके एकादश भाव पर ही गोचर कर रहे हैं, और राहु केतु प्रभाव होने के कारण इनकी सत्ता को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। मंगल जिसे विरोधियों को प्र्रास्त करने और विरोधियों पर सफलता पाने के लिए देखा जाता है, इस समय गोचर में कन्या राशि इनके आठवें भाव पर गोचर कर रहे हैं, यहां से प्रयास अधिक दर्शा रहे हैं।
इस समय सूर्य अर्थात सत्त्ता कारक ग्रह भी राहु के दृष्टि प्रभाव में है। अर्थात इस समय राजनैतिक नीतियों के द्वारा ही सत्ता हासिल की जा सकती है। साम दाम दंड भेद से सत्ता प्राप्ति के योग इस समय में बन रहे है। गौर करने योग्य बात यह है कि इस परन्तु आज दिन सोमवार ४ नवंबर चंद्र मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, यहां चंद्र इनकी जन्मराशि से बारहवें में गोचर कर रहे हैं, अत: आज का दिन इनके लिए शुभ खबर लेकर नहीं आएगा, कल दोपहर बाद इन्हें इस विषय में अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। 5 नवम्बर 2019 को गुरु और चंद्र का गोचर बदलना इन्हें सत्त्ता का सुख एक बार फिर से दे सकता है।